छायाकृति
Friday, June 26, 2015
योगासन
तो इसे ही योगासन कहते हैं. जिसको टीवी पर खूब दिखाया गया था !
इसमें कौन से बड़ी बात है.
इसे तो मैं भी करता हूँ पापा के साथ, जब मन करता है.
मगर मुझे तो किसी ने टीवी पर बुलाया ही नहीं.
चलो कोई बात नहीं.
बड़े लोगों की बड़ी बातें.
वैसे मेरा नाम शशांक है.
Thursday, May 28, 2015
उम्मीद
Saturday, March 7, 2015
शशांक के नए दोस्त
इस होली में शशांक गांव गए, तो उन्हें कई नए दोस्त मिल गए. घर के बगल में एक कुतिया ने 6 बच्चे दिए थे. बुलाने पर वे घर के आँगन में चले आते थे. उन्हीं बच्चों के साथ वे खेलते रहे. इस अप्रैल में शशांक महाशय 3 साल के हो जाएँगे. ये मेरे भतीजे हैं.
ये रहा चौथा, दो अभी बाकी हैं
ये पट्टा मुझे दे दे ठाकुर
Thursday, February 19, 2015
जीवन
Wednesday, February 18, 2015
गड़ेरिया
Tuesday, February 17, 2015
फतेहपुर सीकरी, सलीम चिश्ती की दरगाह, बुलंद दरवाजा
फतेहपुर सीकरी 9 फरवरी
सलीम चिश्ती की दरगाह
बुलंद दरवाजा
Saturday, February 14, 2015
हमने भी ताज को देखा
हमने भी ताज को देखा (साथी संतोष सहर के साथ) 9 feb 2015
ताजमहल
दो संतोष
संतोष सहर, राजेश कमल, अभिनव
राजेश कमल और अभिनव के साथ
यहाँ से ताज को देखो
समता-प्रीति
ये दांतों का विज्ञापन नहीं है भाई
अचानक प्रसंग सपादक शम्भू बादल भी मिल गए
agra fort
9 फरवरी को जब हमलोग आगरा के किले में दाखिल हुए
आगरा फोर्ट से ताजमहल की झलक. यही कहीं से
बंदी शाहजहाँ ताजमहल को निहारा करते थे
दीवाने आम जिसे अंग्रेजों ने बारूद रखने की जगह बना दी थी.
Friday, January 2, 2015
माँ
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